राज और भाभी
g20 क्या है 2023-10-03 15:03:22
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मेरा नाम राज है। मैं कानपुर का रहने वाला हूँ। मैं आप को अपनी कहानी बताने जा रहा हूँ।हमारे घर मैं,राजऔरभाभी मम्मी और भैया तीन लोग ही थे। भैया का नाम मोहन है, भैया बहुत ही गुस्से वाले हैं।वो बात बात पर गुस्सा करते थे इसलिये मैं उनसे बहुत डरता था। भैया मुझसे 6 साल बड़े हैं। मम्मी मुझे बहुत प्यार करती थी।ये उस समय की बात है जब भैया की शादी हो गयी थी। भाभी का नाम मीना था और वो अभी उम्र में छोटी ही थी।भाभी मुझे बहुत प्यार करती थी और मेरी देखभाल भी करती थी। उनसे मुझे मम्मी और भाभी दोनो का प्यार मिलता था।भाभी के आ जाने के कुछ दिन बाद मैंने देखा कि भैया भाभी से बहुत डरने लगे। वो उनकी हर बात, चाहे सही हो या गलत, तुरन्त ही मान लेते थे।एक दिन भाभी ने मम्मी से कहा- अब आप रहने दो, आज से मैं ही राज को तेल लगाऊँगी और नहलाऊँगी भी!मम्मी ने कहा- मैं तो इसकी छुन्नी पर भी तेल लगा कर खूब मालिश करती हूँ। तू कैसे करेगी।भाभी ने कहा- तो क्या हुआ, मैं राज की देखभाल ठीक वैसे ही करूंगी जैसे कि आप करती हैं।भाभी मेरी देखभाल मम्मी की तरह से करने लगी।वो मेरे सारे कपड़े उतार देती और फिर मम्मी की तरह से मेरे सारे बदन पर तेल लगाती थी, उसके बाद मेरी छुन्नी पर भी तेल लगा कर मालिश करती थी।फिर वो मुझे अपने साथ बाथरूम ले जाती और अपने सारे कपड़े भी उतार कर एकदम नंगी हो जाती, उसके बाद वो मुझे अपने साथ ही नहलाती थी।भैया की शादी के 6 महीने के बाद ही मम्मी का स्वर्गवास हो गया तो मैं उदास रहने लगा।मैं कई दिनों तक स्कूल नहीं गया।भाभी ने मुझे प्यार से समझाया- राज, तुम घबराओ मत, मैं तुम्हारी देखभाल ठीक उसी तरह से करूंगी जैसे तुम्हारी मम्मी किया करती थी।मैं धीरे धीरे भाभी से एकदम घुलमिल गया और मम्मी को भूल गया।अब मुझे मम्मी कि याद नहीं सताती थी।जब कभी मैं शरारत करता तो भैया मुझ पर गुस्सा हो जाते थे।जैसे ही भैया मुझ पर गुस्सा होते तो भाभी उन्हें घूर कर देखती और वो तुरन्त ही चुप हो जाते।धीरे धीरे 3 साल गुजर गये।मेरी छुन्नी भी अब थोड़ी बड़ी हो चुकी थी। भाभी जब तेल लगने के लिये मुझे एकदम नंगा कर देती तो मुझे शरम आती थी।फिर जब वो मेरे सारे बदन पर तेल लगने के बाद मेरी छुन्नी पर तेल लगा कर मालिश करती तो मेरा लण्ड खड़ा हो जाता था, तब मैं और ज्यादा शरमा जाता था।वो कभी कभी मेरी छुन्नी को चूम भी लेती थी।भाभी मुझसे अकसर मजाक में कहा करती थी- तेरी छुन्नी तो जवान आदमियों की तरह हो गई है।मुझे अब तेरी शादी करनी पड़ेगी। मुझे तेरी छुन्नी बहुत अच्छी लगती है।उनकी बात सुनकर मैं शरमा जाता था।मैंने भाभी से कहा- अब मैं बड़ा हो गया हूँ मैं खुद ही नहा लूंगा।वो बोली- क्यों अब तुझे शरम आती है।मैंने कहा- हाँ। वो बोली- बदमाश कही का, आज तक मैं तेरी छुन्नी पर तेल लगा कर मालिश करती रही और तुझे अपने साथ नहलाती रही। मुझे आज तक शरम नहीं आयी और तू अब शरमा रहा है। मैं तेरी शादी होने तक खुद ही तेरी छुन्नी कि तेल लगा कर मालिश करूंगी और नहलाऊँगी भी। अगर बदमाशी करेगा तो मैं तुझे मारूंगी भी और तेरे भैया से कह दूंगी, फिर तुझे बहुत डांट पड़ेगी।मैं भैया से बहुत डरता था इस लिये मैं चुप हो जाता था। भाभी अभी भी मेरे लण्ड को छुन्नी ही कहती थी।धीरे धीरे मेरी छुन्नी पूरी तरह से लण्ड बन गयी।भाभी अभी भी मुझे भैया का डर दिखा कर मेरी छुन्नी पर तेल लगाती और मुझे नहलाती भी थी।भाभी के हाथ लगाने पर मेरा लण्ड बहुत सख्त हो जाता था। भाभी को तेल लगाने पर और भी मस्ती आने लगी थी।एक दिन मैंने भाभी से कहा- अब तो मैं जवान हो गया हूँ। मेरी छुन्नी भी अब लण्ड बन गयी है। जब तुम मेरे लण्ड पर तेल लगाती हो तो मुझे कुछ कुछ होने लगता है, सख्त भी हो जाता है। अब मैं खुद ही नहा लिया करुंगा।वो मुसकुराते हुये बोली- ठीक है, अब मैं तुझे नहीं नहलाऊँगी और ना ही तेल लगाऊँगी। अब तो खुश है ना।मैंने कहा- हाँ, अब मैं बहुत खुश हूँ।उसके बाद मैं खुद ही अपने सारे बदन पर तेल लगने लगा और नहाने भी लगा।धीरे धीरे 2 साल और गुजर गये। अब मेरा लण्ड पूरे शवाब पर आ चुका था और 8″ लम्बा और खूब मोटा हो गया था।मैं अब भी एकदम नंगा ही नहाता था। मैं भाभी से ज्यादा शरमाता भी नहीं था इस लिये मैं बाथरूम का दरवज़ा खुला छोड़ कर ही नहाता था।भाभी भी मुझसे जरा सा भी नहीं शरमाती थी। वो पहले कि तरह ही एकदम नंगी ही नहाती थी और नहाने के बाद बाथरूम से नंगी ही बाहर आ जाती थी।एक दिन मैं नहा रहा था और भाभी बाथरूम के पास से गुजर रही थी तो उनकी निगाह मेरे लण्ड पर पड़ी।उन्होंने मेरे लण्ड की तरफ़ इशारा करते हुये मजाक किया और कहा- बाप रे, तेरी छुन्नी तो अब एकदम खतरनाक हो गयी है। इतनी बड़ी छुन्नी मैंने आज तक नहीं देखी है। तू जवान भी हो गया है। अब तो तेरी शादी करनी ही पड़ेगी।मैं शरमा गया और मैं टावेल लपेटने लगा।भाभी बोली- पहले तो खूब मज़े से अपनी छुन्नी पर तेल लगवाता था। अब शरम आ रही है।मैंने शरमाते हुये कहा- भाभी, जाओ ना।वो बोली- अब बाथरूम का दरवाज़ा बन्द कर के नहाया कर, नहीं तो तेरी छुन्नी को मेरी नज़र लग जायेगी।मैंने मजाक किया और कहा- तुम हमेशा इसे छुन्नी ही कहती रहोगी। ये तो अब छुन्नी से इतना बड़ा और मोटा लण्ड बन गया है। अब इसे लण्ड ही कहा करो।वो बोली- अच्छा बाबा, अब मैं इसे लण्ड ही कहूँगी। मैं जाती हूँ, तू नहा ले।भाभी चली गयी।मैं नहाने लगा।एक दिन भाभी उदास बैठी थी, मैंने पूछा- क्या हुआ?वो बोली- कुछ नहीं।मैंने ज़िद करते हुये कहा- बताओ ना?वो बोली- 6 साल गुजर गये और आज तक मैं माँ नहीं बन पाई। सारा दोष तेरे भैया का ही है।मैंने कहा- क्या किया भैया ने?वो बोली- वो मुझे मां बनाने के लायक ही नहीं हैं।मैंने पूछा- क्यों?वो बोली- मुझे शरम आती है।मैंने कहा- आज तक तो मुझसे नहीं शरमाती थी, कब से शरम आने लगी?वो बोली- बात ही कुछ ऐसी है।मैंने कहा- बताओ ना?वो कहने लगी- तेरा लण्ड देख कर मैं सोचती हूँ कि काश तेरे भैया का भी ऐसा होता तो आज मेरी कोख सूनी ना रहती। मुझे उनसे मज़ा भी नहीं मिल पाता।मैंने कहा- इसमें मैं क्या कर सकता हूँ।वो बोली- अगर मैं तुझसे एक बात कहूँ तो तू बुरा तो नहीं मानेगा क्योंकि वो बात कुछ ठीक नहीं है और मुझे ऐसा करना भी नहीं चाहिये।मैंने कहा- तुम मेरे लिये इतना सब कुछ करती हो, क्या मैं तुम्हारे कुछ भी नहीं कर सकता। तुम बताओ तो सही?वो बोली- इतने साल मैंने केवल तुझे पल-पोस कर कर बड़ा करने में गुजार दिये और कभी मां बनने के बारे में सोचा ही नहीं।मैंने कहा- तुम बताओ तो सही कि मुझे क्या करना है?भाभी बोली- मुझे शरम आती है।मैंने कहा- जब मैं शरमाता था तब तो तुम मुझ पर गुस्सा होती थी। अब तुम शरमा रही हो तो मुझे क्या करना चाहिये, बताओ।मेरी बात सुनकर वो हंस पड़ी और बोली- मैं मां बनना चाहती हूँ और साथ ही साथ मैं चुदाई का मज़ा भी लेना चाहती हूँ। अगर तेरा कोई दोस्त हो और उसका लण्ड तेरे जैसा हो तो…इतना कह कर वो चुप हो गई।मैंने कहा- मैं समझ गया भाभी, लेकिन अगर भैया को पता चल गया तो?वो बोली- वो क्या कर लेंगे। तू तो जानता ही है कि मैं जब उन्हें घूर कर देखती हूँ तो वो चुप हो जाते हैं। वो मेरी हर सही या गलत बात को मान भी लेते हैं। वो ऐसा क्यों करते हैं मैं आज तुझे बताती हूँ। तेरे भैया का लण्ड बहुत छोटा है। उनका लण्ड ठीक उतना ही बड़ा है जितना 13 साल के उमर में तेरा था। उनका चुदाई का काम भी बड़ी मुश्किल से 2 मिनट में ही खत्म हो जाता है। इसीलिये वो मुझसे डरते हैं।मैंने कहा- अब मैं समझा कि वो तुमसे इतना डरते क्यों हैं।भाभी ने कहा- मुझे तेरे भैया से कोई डर नहीं है।मैंने कहा- आस पास के लोग क्या कहेंगे।वो बोली- मैं यहाँ थोड़े ही चुदवाऊँगी। तेरे दोस्त के पास ही चलूंगी और तू मेरे साथ चलेगा।मैंने कहा- मेरा एक दोस्त है, शिव। वो अकेले ही रहता है। मैं उससे बात कर लूँ, फिर तुम्हें उसके पास ले चलूँगा।भाभी ने कहा- मुझे तेरे जैसा लण्ड भी चाहिये।अब मैं भाभी से ज्यादा शरमाता भी नहीं था। मैंने तुरन्त ही अपनी लुंगी उतार दी और कहा- फिर मेरे लण्ड से ही काम चला लो। इधर उधर जाने कि क्या जरूरत है।भाभी ने मेरे लण्ड पर अपने हाथ से हल्की सी चपत लगाते हुये कहा- तू इसे अपने पास ही रख। यह मेरे लिये पुराना हो चुका है। मुझे नया लण्ड चाहिये।मैंने कहा- मैंने एक बार शिव का लण्ड देखा था। उसका मुझसे ज्यादा लम्बा और मोटा है।वो बोली- फिर ठीक है। तू उस से बात कर ले लेकिन वो किसी से कहेगा तो नहीं?मैंने कहा- नहीं वो किसी से नहीं कहेगा। फिर एक महीने के बाद ही वो अपने घर भी जाने वाला है। उसके बाद वो यहाँ वापस नहीं आयेगा। उसका घर तो यहाँ से 200 किलोमीटर दूर है।भाभी ने कहा- फिर ठीक है।मैं शिव के पास चला गया। मैंने शिव से बात की तो वो बहुत खुश हो गया।एक घण्टे में मैं घर वापस आ गया।भाभी बड़ी बेसब्री से मेरा इन्तजार कर रही थी, जैसे ही मैं घर के अन्दर पहुँचा तो वो बोली- काम हो गया?मैंने कहा- हाँ, वो तैयार है।भाभी ने पूछा- कब चलना है?मैंने कहा- जब तुम चाहो।भाभी बहुत ज्यादा जोश में आ चुकी थी और बोली- अभी चलूं?मैंने कहा- चलो।दोपहर के 11 बज रहे थे। भाभी ने भैया को फोन कर के बता दिया कि वो अपनी एक सहेली के यहाँ जा रही हैं, शाम के 5 बजे तक वापस आयेगी।मैं भाभी को लेकर शिव के पास आ गया।शिव भाभी को देख कर मुसकुराने लगा तो भाभी भी मुसकुरा दी।शिव ने कहा- यहीं या कमरे में?भाभी ने कहा- नहीं कमरे में।भाभी ने मुझसे कहा- तू यहीं बैठ कर टीवी देख।मैंने कहा- जब मुझे लाईव शूटिंग देखने का मौका मिल रहा है तो फ़िल्म क्यों देखूँ। मैं तुम्हारे साथ ही चलता हूँ।वो बोली- मारूंगी अभी।मैंने कहा- अच्छा बाबा जाओ।मैंने टीवी पर एक फ़िल्म लगा दी और फ़िल्म देखने लगा।भाभी शिव के साथ कमरे में चली गयी।5 मिनट बाद ही कमरे से भाभी की चीखने और चिल्लाने की आवाजें आने लगी।मैं समझ गया कि अन्दर क्या हो रहा है। शिव का लण्ड 10′ लम्बा और बहुत ही मोटा था। बहुत देर तक भाभी की चीखने और चिल्लाने की आवाज़ आती रही फिर धीरे धीरे उनकी आवाज़ आनी कम हो गई।थोड़ी देर बाद ही भाभी की आहें और सिसकारियाँ सुनाई देने लगी।15 मिनट के बाद शिव लुंगी पहने हुये पसीने से लथपथ कमरे से बाहर आया और बोला- जा, तुझे तेरी भाभी बुला रही हैं।मैं कमरे के अन्दर गया तो भाभी बेड पर एकदम नंगी पड़ी हुई थी, केवल एक छोटे से कपड़े से उनकी चूत ढकी हुई थी।उनके बाल बिखरे हुये थे, वो पसीने से एकदम लथपथ थी और उनकी सांसें बहुत तेज चल रही थी।उन्होंने अपने पैरों को मोड़ कर फैला रखा था।मैंने पूछा- क्या है?वो बोली- मेरे पास आ।मैं उनके पास जा कर बैठ गया तो उन्होंने मेरा हाथ पकड़ लिया और बोली- तूने तो मुझे फंसा ही दिया।मैंने पूछा- आखिर हुआ क्या?वो बोली- मैंने तुझसे कहा था कि मुझे तेरे लण्ड के जैसा लण्ड चाहिये लेकिन तेरे दोस्त का तो बहुत ही ज्यादा लम्बा और मोटा है। मैं तो समझती थी कि थोड़ा सा फरक होगा।मैंने पूछा, काम हो गया?वो बोली- अभी आधा ही हुआ है।मैंने कहा- आधा का क्या मतलब है।वो बोली- दर्द के मारे मेरी जान निकली जा रही थी। बड़ी मुशकिल से मैं उसका आधा लण्ड ही अन्दर ले पायी हूँ। मैंने मजाक करते हुये कहा- अगर मैं होता तो एक ही बार में पूरा का पूरा अन्दर घुसा देता। वो बोली- तब तो मैं मर ही जाती।इतना कह कर भाभी ने मेरे गालों को चूम लिया और बोली- शिव का लण्ड बहुत ही अच्छा है।मैंने पूछा- मज़ा आया।वो बोली- बहुत थोड़ा सा। जब वो पूरा अन्दर घुसा कर चोदेगा तब मज़ा आयेगा।मैंने कहा- अबकि बार पूरा अन्दर ले लेना।वो बोली- दर्द बहुत हो रहा था नहीं तो मैं पूरा अन्दर ले लेती। आज तूने मुझसे पहली बार कुछ कहा है और मैं तेरी बात टालूंगी नहीं। मैं अबकि बार पूरा का पूरा अन्दर ले लूगी भले ही कितना भी दर्द हो।मैंने कहा- मुझे अपनी चूत तो दिखा दो।वो बोली- बदमाश कही का, तू मेरी चूत देखेगा।मैंने कहा- तो क्या हुआ। तुम मेरे सामने एकदम नंगी नहाती हो। तुम्हारा कुछ मुझसे छुपा है क्या।वो बोली- अच्छा बाबा, बाद में दिखा दूंगी। पहले मुझे पूरा अन्दर तो ले लेने दे।भाभी मुझसे बाते करती रही। अब हम दोनो में ज्यादा शरम नहीं रह गयी थी।तभी शिव कमरे में आ गया और बोला- मैं फिर से तैयार हूँ।भाभी ने मुझसे कहा- अब तू जा बाहर। मैंने मजाक किया, नहीं, मैं यही रहूँगा।भाभी बोली- मुझे तेरे सामने शरम आयेगी ना।मैंने कहा- अब काहे की शरम?वो बोली- शरम खत्म होने में थोड़ा समय तो लगेगा ही। अब जा ना।मैं कमरे से बाहर चला आया।2 मिनट में ही फिर से भाभी की चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ आने लगी। इस बार वो कुछ ज्यादा ही जोर जोर से चीख और चिल्ला रही थी।लगभग 10 मिनट तक उनकी चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ आती रही, उसके बाद उनकी चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ धीरे धीरे शान्त हो गयी।लगभग 20 मिनट के बाद शिव बाहर आ गया तो मैं भाभी के पास चला गया।भाभी की हालत बहुत ज्यादा खराब दिख रही थी। उनका सारा बदन पसीने से एकदम लथपथ था और उन्होंने अपने पैरो को मोड़ कर पूरी तरह से फैला रखा था। उनके बाल बिखरे हुये थे। वो एकदम नंगी पड़ी हुयी थी केवल उनकी चूत एक छोटे से कपड़े ढकी हुयी थी।मैंने पूछा- काम हो गया।वो बोली- हाँ, लेकिन बहुत दर्द हुअ। तेरे कहने की वजह से मैंने इस बार पूरा अन्दर ले लिया नहीं तो मुझे अभी एक बार और करवाना पड़ता। उसका लम्बा होने के साथ साथ बहुत ज्यादा मोटा भी तो है।मैंने मजाक किया- मज़ा तो आया ना?वो बोली- बदमाश कहीं का।मैंने कहा- बताओ ना?उन्होंने शरमाते हुये कहा- थोड़ा सा।मैंने कहा- वो क्यों?वो बोली- इस बार दर्द बहुत हो रहा था ना।मैंने कहा- फिर तो तुम्हारी चूत की हालत एकदम खराब हो गयी होगी?वो बोली- बहुत ही ज्यादा खराब हो गयी है। मैं तो अब शायद 2-3 दिनो तक ठीक से चल भी नहीं पाऊँगी।मैंने कहा- अब तो दिखा दो।वो बोली- अभी नहीं।मैंने कहा- फिर कब?वो बोली- एक बार और करवा लेने दे तब मेरी चूत का मुँह एकदम खुल जयेगा। उसके बाद देख लेना।मैंने कहा- ठीक है, मैं थोड़ी देर और सबर कर लेता हूँ।लगभग 30 मिनट के बाद शिव फिर आ गया तो मैं बाहर चला आया।इस बार भाभी की चीखने और चिल्लाने कि आवाज़ ज्यादा देर तक नहीं आयी।थोड़ी ही देर में उनकी सिसकारियाँ सुनाई देने लगी।लगभग 20 मिनट के बाद ही शिव फिर से बाहर आ गया तो मैं कमरे में चला गया।भाभी का चेहरा इस बार कुछ खिला हुआ था।मैंने कहा- लगता है इस बार मज़ा आ गया।वो बोली- हाँ, लेकिन तेरा दोस्त तो 10-15 मिनट से ज्यादा कर ही नहीं पाता नहीं तो मुझे और मज़ा आता।मैंने कहा- अब तो दिखा दो।वो बोली- शरम आती है।मैंने कहा- अभी तो तुमने कहा था कि अगली बार दिखा दूंगी।भाभी ने शरमाते हुये कहा- अच्छा बाबा, देख ले लेकिन अगर कही तुझे जोश आ गया तो।मैंने कहा- मैं भी चोद दूंगा।वो बोली- ठीक है, चोद देना।मैंने भाभी कि चूत पर से कपड़ा हटा दिया। उनकी चूत कि हालत एकदम खराब हो चुकी थी। उनकी चूत का मुँह बहुत ज्यादा चौड़ा हो चुका था और उनकी चूत डबल रोटी कि तरह सूज गयी थी। उनकी चूत से ज्यूस टपक रहा था जिसमें थोड़ा सा खून भी मिला हुआ था। बेड कि चादर भी उन दोनो के ज्यूस से एकदम खराब हो चुकी थी।मैं देर तक भाभी कि चूत को देखता रहा तो वो बोली- अब रहने भी दे। कब तक देखेगा। मैंने कहा- मुझे बहुत अच्छा लग रहा है। वो बोली- मेरी जान ही निकल गयी और तुझे अच्छा लग रहा है।मैंने कहा- मज़ा भी तो आया।वो बोली- हाँ, ये तो है।मैंने कहा- फिर देखने दो ना।वो बोली- ठीक है, जी भर कर देख ले।मैंने कहा- मुझे भी जोश आ रहा है।वो बोली- अगर तेरा दिल करता है तो तू भी अपनी प्यास बुझा ले।मैंने कहा- तुम्हारी चूत मेरे लण्ड के लायक नहीं है।वो बोली- क्यों, क्या खराबी है मेरी चूत में।मैंने कहा- ये तो कुछ ज्यादा ही चौड़ी हो गयी है।भाभी कुछ नहीं बोली।लगभग 35 मिनट के बाद शिव फिर आ गया तो मैं बाहर चला आया। इस बार भी भाभी के चीखने कि आवाज़ ज्यादा देर तक नहीं आयी।इस बार भी शिव 20 मिनट में ही कमरे से बहर आ गया तो मैं कमरे में चला गया।इस बार भाभी एकदम नंगी पड़ी थी। उन्होंने अपनी चूत को भी नहीं ढका था।मैंने पूछा, अब शरम नहीं आ रही है।वो बोली- अब कहे कि शरम। अब तो तू मेरी चूत को देख ही चुका है।मैंने कहा- वो तो मैं बरसो से देख रहा हूँ।मैंने भी कि चूत को देखते हुये कहा- ये तो पहले से भी ज्यादा सूज गयी है।भाभी ने कहा- आ, बैठ जा मेरे पास।मैं उनके पास बैठ गया। उन्होंने मेरा हाथ अपने हाथ में ले लिया और कहने लगी, तूने मुझे आज वो मज़ा दिलया है कि मैं सारी जीन्दगी इसे नहीं भुला पाऊँगी। मुझे अब लग रहा है कि मैं भी मा बन जाउँगी।मैंने कहा- अब घर चलोगी या और भी चुदवाना है।वो बोली- अब आज और नहीं।मैंने कहा- फिर घर चलो।वो बोली- चल।भाभी उठने की कोशिश करने लगी तो उनके मुँह चीख निकल गयी।मैंने पूछा- क्या हुआ?वो बोली- बहुत दर्द हो रहा है, घर कैसे जाउँगी।मैंने कहा- फिर क्या करोगी।वो बोली- थोड़ा गर्म पानी ले आ, मैं अपनी चूत की सिकाई कर लेती हूँ। इस से दर्द कम हो जयेगा।मैंने कहा- अभी लाता हूँ।मैं थोड़ी ही देर मैं गर्म पानी ले कर भाभी के पास आ गया। मैंने कहा- पानी लाया हूँ, सिकाई कर लो। वो सिकाई करने के लिये उठना चाहती थी लेकिन उठ नहीं पा रही थी। मैंने उनकी इतनी बुरी हालत देखी तो मैंने कहा- कहो तो मैं ही सिकाई कर दूं।वो बोली- तू मेरी चूत की सिकाई करेगा।मैंने कहा- तो क्या हुआ।भाभी ने शरमाते हुये कहा- ठीक है, तू ही सिकाई कर दे।मैंने गर्म पानी से भाभी कि चूत कि सिकाई शुरु कर दी। जोश के मारे मेरा लण्ड भी खड़ा हो गया।भाभी ने मेरा लण्ड देखा तो बोली- तेरा क्यों खड़ा हो गया।मैंने कहा- चूत पर हाथ लगने से मुझे भी थोड़ा जोश आ गया है।वो मुसकुरते हुये बोली- गड़बड़ मत करना।मैंने कहा- होटल का खाना खाने के बाद घर का खाना थोड़े ही अच्छा लगता है। आखिर में घर का खाना ही खाना पड़ेगा।वो बोली- अगर मेरा मन हुआ तो मैं घर का खाना भी खा लूंगी।लगभग 20-25 मिनट कि सिकई के बाद मैंने कहा- अब उठ कर देखो, उठ पाती हो या नहीं। भाभी उठने की कोशिश करने लगी तो उनके मुँह से हल्की सी आह निकल गयी लेकिन वो उठ गयी।मैंने कहा- अब चलो घर।वो बोली- थोड़ी सिकई और कर लेने दे। उन्होंने मेरे हाथ से गर्म पानी और कपड़ा ले लिया और अपनी चूत कि सिकई करने लगी। 10-15 मिनट बाद वो बोली- अब घर ले चल मुझे।भाभी ठीक से चल नहीं पा रही थी। मैं भाभी को सहारा दे कर घर ले आया। अगले 2 दिनो तक भाभी शिव के पास नहीं गयी।तीसरे दिन भाभी मुझसे कहने लगी, आज रात तेरे भैया से बात हो रही थी। मैंने उनसे बता दिया कि मैंने तेरे एक दोस्त से चुदवाया है। पहले तो वो थोड़ा नाराज़ हुये और फिर कहने लगे कि अगर तुझे चुदवाना ही था तो क्या राज बुरा था। राज का लण्ड भी तो खूब लम्बा और मोटा है। मैंने उनसे कह दिया कि मुझे राज से चुदवने में शरम आयेगी तो वो बोले फिर ठीक है तुम्हारी मरजी जीस से भी मन कहे चुदवाओ।फिर मैंने उनसे कहा कि मैं कल से 10 दिनो के लिये शिव के पास जाउँगी तो वो बोले, चली जाओ। अब तू मुझे शिव के पास पहुचा दे। 10 दिनो के बाद मुझे लेने आ जाना।मैंने कहा- ठीक है, चलो पहुचा देता हूँ।मैं भाभी को शिव के घर छोड़ कर आने लगा तो मैंने शिव से कहा- भाभी का ख्याल रखना।वो बोला- तू चिंता मत कर।मैंने भाभी से मजाक करते हुये कहा- कम से कम 50 रन जरूर बनाना।उन्होंने मुसकुरते हुये कहा- मैं 51 रन बना दूंगी, तू चिंता मत कर। समय से मुझे लेने आ जाना।मैंने कहा- मैं आ जाऊँगा।10 दिन के बाद मैं भाभी को लेने शिव के घर गया। भाभी मुझे देखकर बहुत खुश हो गयी।मैंने मुसकुराते हुये पूछा, कितने रन बने।वो थोड़ा उदास हो कर बोली- तू मुझे घर ले चल, मैं तुझे बाद में बता दूंगी। मैं भाभी को लेकर घर चला आया।घर पहुचने पर मैंने भाभी से पूछा, अब बताओ कि कितनी बार चुदवाया।वो बोली- केवल 44 बार लेकिन मैं मा नहीं बन पाऊँगी।मैंने पूछा- वो क्यों।वो बोली- शिव कल घर जा रहा है, अब वो यहाँ नहीं आयेगा।मैंने कहा- इतने दिन तुमने उस से चुदवाया है, अब तो उसका बच्चा भी तुम्हारे पेट में आ भी गया होगा।वो बोली- मुझे आज सुबह ही महीना आ गया। अगर उसका बच्चा मेरे पेट में आ गया होता तो मुझे महीना थोड़े ही आता।मैंने कहा- एक पंडित जी हैं, मैं तुम्हे उनके पास ले चलता हूँ।वो बोली- फिर देर काहे कि, अभी चल।मैं भाभी को लेकर पंडित के पास आ गया।पंडित ने भाभी कि कुंडली देखी और कहा- कुंडली के हिसाब से तुम्हारी जीन्दगी में 4 मरद आयेंगे। पहले के 3 मरद तुम्हें बच्चा नहीं दे पायेंगे। चौथे मरद से ही तुम्हें बच्चा होगा। तुम्हारी कुंडली से ये भी पता चलता है कि तुम अपने देवर के बच्चे कि मां बनोगि और तुम्हें जुड़वा लड़के पैदा होंगे लेकिन सावधान रहना। जब तक तुम्हारी जीन्दगी में 3 मरद नहीं आ जाते तब तक तुम अपने देवर से बच्चा पैदा करने की कोशिश मत करना नहीं तो तुम कभी भी माँ नहीं बन पाओगी।भाभी ने मेरी तरफ़ इशारा करते हुये कहा- लेकिन पंडित जी, मेरा तो एक ही देवर है और वो ये है। मैंने ही इसे पालपोस कर बड़ा किया है फिर मैं कैसे इससे मा बनने के बारे में सोच सकती हूँ।पंडित जी ने कहा- बेटी जरा सोचो। अगर तुम्हारी शादी 24 साल की उमर में हुयी होति तब ये 20 साल का होता, तब तो तुम इसके बच्चे कि माँ बनने को कोशिश करती या नहीं।भाभी ने कहा- तब तो मैं जरूर कोशिश करती।पंडित जी ने कहा- बात तो आखिर वही हुयि, फरक केवल इतना ही है कि तुम्हारी शादी जल्दी हो गयी और उस समय ये छोटा था। अगर तुम मा बनना चाहती हो तो तुम्हें इसकी मदद ही लेनी पड़ेगी। तुम्हारी कुण्डली देखने से ये भी पता चलता है कि तुम दोनो में बहुत ही ज्यादा प्रेम होगा। अब तुम ही बताओ कि मैं सही कह रहा हूँ या गलत।भाभी ने कहा- पंडित जी, आप एकदम सही कह रहे हैं। मैं अपने देवर को बहुत प्यार करती हूँ और वो भी मुझे बहुत प्यार करता है।भाभी ने मेरी तरफ़ इशारा करते हुये कहा- पंडित जी, मैं इसकी कुण्डली भी लायी हूँ, देख लीजीये। पंडित जी ने बहुत देर तक मेरी कुण्डली देखी और बोले, बेटी, इसकी कुण्डली तो बहुत ही अच्छी है। इस से तो 4 जुड़वा बच्चे पैदा होंगे यानि कि कुल मिला कर 8 बच्चे।भाभी हंसने लगी तो पंडित जी बोले- बेटी, हंसो मत, मेरी बात ध्यान से सुनो। एक जुड़वा बच्चा तो इसकी अपनी बीवी से होगा लेकिन एकदम आखिर में। बाकी के 3 जुड़वा बच्चे 3 सगी बहनो से पैदा होगे। एक जुड़वा बच्चा तो तुमसे पैदा होना है। बाकी बचे 2 जुड़वा बच्चे। क्या तुम्हारी कोई सगी बहन भी है।भाभी ने कहा- मेरी 2 बहने और भी है। एक मुझसे 2 साल बड़ी और एक 2 साल छोति।पंडित जी ने कहा- बेटी मेरी बात का बुरा मत मानना। तुम्हारी दोनो बहनो को भी इस से 2 जुड़वां बच्चे पैदा होगे। अगर तुम अपनी दोनो बहनो कि कुण्डली ले आओ तो मैं एकदम साफ़ साफ़ बता दूंगा।भाभी ने कहा- मैं अभी मंगा देती हूँ।भाभी ने मुझसे कहा- आलमारी में रीना और टीना कि कुण्डली रखी है, जा कर ले आ।थोड़ी ही देर मैं घर से कुण्डली ले आया। पंडित जी ने दोनो कुण्डली देखी और बोले, अब मेरी समझ में सारी बात आ गयी।भाभी ने कहा- बताये पंडित जी।पंडित जी कहने लगे- तुम्हारी बड़ी बहन कि जिन्दगी में 2 मरद आयेंगे। पहला तो उसका पति होगा और दूसरा उसका देवर। उसको भी अपने देवर से ही बच्चा पैदा होगा वो भी जुड़वां। रीना की कुण्डली से ये भी पता चलता है कि उसका कोई सगा देवर नहीं होगा। क्या ये बात सही है।भाभी ने कहा- एकदम सही है।पंडित जी ने कहा- फिर तुम्हारे देवर से ही रीना को भी जुड़वां बच्चा पैदा होगा। अब रही टीना कि बात। उसकी कुण्डली से भी ठीक यही बात सामने आती है। उसे भी अपने देवर से ही जुड़वां बच्चे पैदा होगे और उसके भी कोई सगा देवर नहीं होगा। क्या मैं सही कह रहा हूँ।भाभी ने कहा- एकदम सही कह रहे हैं आप।पंडित जी ने कहा- फिर टीना को भी तुम्हारे देवर से ही जुड़वां बच्चा पैदा होगा। लेकिन एक बात मेरी समझ में नहीं आ रही है।भाभी ने कहा- वो क्या पंडित जी?पंडित जी ने कहा- टीना कि जीन्दगी में कुल 21 मरद आयेगे। पहला मरद तो उसका पति होगा और आखिरी मरद तुम्हारा देवर। लेकिन उसकी जिन्दगी में बाकि के 19 मरद कहाँ से आयेगे ये मैं नहीं बता सकता। खैर छोड़ो जाने दो। भविष्य में क्या होने वाला है वो तो केवल ईश्वर ही जानता है।मैं भाभी के साथ घर आ गया।भाभी ने कहा- तेरे भैया ठीक ही कह रहे थे कि मुझे तुझ से ही चुदवा लेना चाहिये था। मैं तो अब तुझसे ही चुदवा कर बच्चा पैदा करूंगी।मैंने कहा- वो तो ठीक है भाभी लेकिन अभी तो तुम्हारी जिन्दगी में केवल 2 मरद ही आये हैं, पहले तीसरा तो आ जाने दो।वो बोली- देखा जायेगा लेकिन अब तो तू खुश हो जा।मैंने कहा- वो किस लिये। भाभी ने कहा- तुझे मेरी और मेरी दोनो बहनो कि चुदयी करने का मौका जो मिलने वाला है।मैंने कहा- आने दो सालियों को, उन्हें भी चोद दूंगा।भाभी हसने लगी और बोली- तू मेरी बहनो को गाली दे रहा है।मैंने कहा- मेरी ये जुर्रत कि मैं तुम्हारी बहनो को गाली दूंगा।भाभी ने कहा- अभी तुमने कहा ना कि आने दो सालियों को उन्हें भी चोद दूंगा।मैंने कहा- मैंने कोई गलत बात थोड़े ही कही है, आखिर वो दोनो मेरी सालियाँ ही तो हैं।मेरी बात सुनकर भाभी जोर जोर से हसने लगी।5 दिन बाद भाभी ने नहाया। उसके बाद वो एकदम नंगी ही बेड रूम में आयी और श्रृंगार करने लगी। उन्होंने बहुत प्यारी सी खुशबू भी लगायी।मैंने कहा- तुम्हारा इरादा तो आज खतरनाक लग रहा है। आज किस का कतल करने का इरादा है।वो बोली- तेरा।मैंने कहा- अभी तो 2 ही हुये हैं, तीसरा तो आ जाने दो।इतना सुनते ही वो मुझसे लिपट कर रोने लगी।मैंने पूछा, क्या हुआ, रो क्यों रही हो।वो बोली- मुझे तुझसे बच्चा चाहिये।मैंने कहा- वो तो ठीक है लेकिन पंडित जी कि बात याद है ना।वो रोते हुये कहने लगी- मेरी जीन्दगी में तीसरा मरद पहले ही आ चुका है। जब तू मुझे शिव के पास छोड़ कर घर चला आया तो दूसरे दिन उसका एक दोस्त महमूद आ गया था। मैं लाख मना करती रही लेकिन महमूद ने भी मुझे जबरदस्ती चोद दिया। मैं चिल्लती रही लेकिन उन दोनो ने मेरी एक ना सुनी। उसके बाद मैंने शिव से कहा कि मैं घर जा रही हूँ। शिव ने महमूद को घर भेज दिया। उसके बाद ही मैंने उस से इतने दिनो चुदवया।भाभी की बात सुनकर मुझे गुस्सा आ गया। मैंने कहा- जब मैं तुम्हें लेने गया था तब ही बताना चाहिये था। मैं शिव कि अच्छी तरह से खबर लेता। भाभी ने कहा- मैं कोई बखेड़ा नहीं खड़ा करना चाहति थी। अब जो होना था वो तो हो ही चुका है। मुझे माफ़ कर दे। इतना कह कर वो मेरे कनधे पर सिर रख कर रोने लगी। मैंने उन्हें समझा बुझा कर चुप कराया। थोड़ी देर बाद वो नोरमल हो गयी।मैंने पूछा- मुझे अपनी चूत नहीं दिखाओगी?वो मुसकुरा कर बोली- सारा का सारा बदन तो तेरे सामने एकदम खुला पड़ा है। आज से मैं खुद को तेरे हवाले कर रही हूँ। अब तू मेरे बदन का जैसे भी चहे इस्तेमाल कर और मुझे मा बना दे।मैंने कहा- मैं एक बात कहना चाहता हूँ।वो बोली- अब क्या है।मैंने कहा- जब तुम्हारे पेट में बच्चा आ जयेगा तब तुम नहीं चुदवाओगि। मैं चहता हूँ कि पहले हम दोनो खूब जी भर के जवानी का मज़ा उठा ले। उसके बाद बच्चा पैदा करेंगे।वो बोली- ये तो बहुत ही अच्छा रहेगा। मैं आज से ही पिल्स लेना शुरु कर दूंगी।मैंने कहा- फिर मैं कहाँ से शुरु करूं।वो बोली- जहाँ से तेरा मन कहे। मैंने कहा- तुमने मेरे लण्ड पर तेल लगा कर बहुत मालिश की है और इसे चूमा भी है। लेकिन आज तक तुमने कभी मेरा लण्ड नहीं चूसा, चूसोगी इसे।वो बोली- क्यों नहीं चूसुन्गी।भाभी ने तुरन्त ही मेरा लण्ड अपने मुँह में ले लिया और चूसने लगी।मैंने पूछा- मज़ा आ रहा है?वो बोली- बहुत ज्यादा क्यों कि आज तक मैंने किसी का लण्ड नहीं चूसा है और आज पहली बार लण्ड चूस रही हूँ वो भी अपने प्यारे देवर का।मैंने कहा- मैं तुम्हारी चूत को चाटना चहता हूँ।वो बोली- तो फिर चाट जल्दी से। आज तक किसी ने मेरी चूत भी नहीं चाटी है।मैंने कहा- क्या कह रही हो।वो बोली- एकदम सही कह रही हूँ। आज तक तेरे भैया कभी मेरी चूत ही नहीं चाटी।मैंने पूछा- और शिव ने?वो बोली- उसने भी कभी मेरी चूत नहीं चाटी। वो तो लण्ड खड़ा होने के बाद सीधे जुट जाता था और झड़ने के फौरन बाद हट जाता था। उसे केवल मेरी चुदायी करने से मतलब था और वो ज्यादा से ज्यादा 15 मिनट ही चुदायी कर पाता था।मैं भाभी के उपर 69 कि पोजीशन में हो गया। वो मेरा लण्ड चूसने लगी और मैं उनकी चूत चाटने लगा। मैंने पूछा, ठीक से चाट रहा हूँ ना?वो बोली- तू तो बहुत ही अच्छी तरह से चाट रहा है। और तेजी से चाट, बहुत मज़ा आ रहा है।मैंने भाभी कि चूत को और ज्यादा तेजी से चाटना शुरु कर दिया। 2 मिनट में ही भाभी कि चूत से ज्यूस निकल आया तो मैंने कहा- लगता है बहुत जोश में हो।वो बोली- आज अपने देवर का लण्ड जो अन्दर लेने वाली हूँ।मैंने कहा- तुम्हारी चूत का ज्यूस चाट लूं। वो बोली- जैसी तेरी मरजी। मैं भाभी कि चूत का ज्यूस चाटने लगा तो वो सिसकारी लेने लगी।थोड़ी देर बाद मेरे लण्ड का ज्यूस भी उनके मुँह में निकलने लगा। उन्होंने सारा ज्यूस निगल लिया और बोली- जिन्दगी में आज मुझे पहली बार लण्ड के अमृत का स्वाद चखने को मिला है।मैंने पूछा- अच्छा लगा?वो बोली- बहुत ही अच्छा था।मैंने फिर से भाभी कि चूत को चाटना शुरु कर दिया और वो मेरा लण्ड चूसने लगी। 5 मिनट के बाद ही भाभी फिर से झड़ गयी तो मैंने उनकी चूत का सारा ज्यूस चाट लिया।वो बोली- आज तक मुझे ऐसा मज़ा कभी नहीं मिला, तू तो एकदम पक्का खिलाड़ी लग रहा है।मैंने कहा- तुमने ही तो बनाया है।तभी मुझे बदमाशी सूझी। मैंने अपनी एक अंगुली भाभी की गाण्ड के छेद पर रख दी और कहा- मैं इसका मज़ा भी लेना चाहता हूँ। वो बोली- फिर तू यहीं से शुरु कर दे। मुझे भी आज तक इसका मज़ा नहीं मिला है। मैंने कहा- इसका मज़ा भी लूंगा लेकिन बाद में। वो बोली- अभी क्यों नहीं। मैंने कहा- पहले तुम्हारी चूत का मज़ा तो ले लूं।हम दोनो ऐसे ही बातें करते रहे। थोड़ी देर बाद मेरा लण्ड फिर से खड़ा हो गया तो भाभी ने कहा- अब बरदाश्त नहीं हो रहा है, शुरु हो जा।मैंने कहा- मैं नहीं चोदूंगा।वो बोली- क्यों। मैंने कहा- तुम ही चोदो।वो बोली- मैं ही चोद देती हूँ लेकिन चिल्लाना मत।मैंने कहा- मैं कोई औरत थोड़े ही हूँ कि मुझे दर्द होगा और मैं चिल्लाऊँगा।वो बोली- मैं अपने देवर को चोदूंगी तो पूरि मस्ती से चोदूंगी। ऐसा धक्का लगाऊँगी कि तुझे तेरी नानी याद आ जायेगी।मैंने कहा- कसम से, तब तो बहुत मज़ा आयेगा।इतना कह कर मैं बेड पर लेत गया। भाभी मेरे ऊपर आ गयी। मैं पूछा, किसी को चोदा है कभी?वो बोली- कभी नहीं लेकिन आज तुझे पहली बार चोदने जा रही हूँ।मैंने कहा- चोदने में बहुत मेहनत करनी पड़ती है।वो बोली- अभी पता चल जायेगा।भाभी ने मेरा लण्ड अपनी चूत में डाल लिया और जोर जोर के धक्के लगने लगी। मुझे बहुत मज़ा आ रहा था क्यों कि आज पहली बार मेरे लण्ड ने चूत को टच किया था और कोई औरत मुझे चोद रही थी।थोड़ी देर बाद भाभी ने कहा- कैसा चोद रही हूँ?मैंने कहा- बहुत ही अच्छी तरह से।वो बोली- तू जानता नहीं है कि मैं कितनी सेक्सी हूँ।मैंने कहा- तुम कब से सेक्सी बन गयी।वो बोली- जब से मैं तेरे लण्ड की मालिश कर रही हूँ।मैंने कहा- तो फिर पहले क्यों नहीं चुदवाया।वो बोली- शरम आती थी।वो जोर के धक्के लगाती रही और थोड़ी देर बाद ही झड़ गयी।उसके बाद वो मेरे ऊपर लेट गयी और मेरे होठों को